पुस्तक मेला भ्रमण कार्यक्रम
हिंदी विभाग की अंतिम वर्ष की छात्राओं को विश्व पुस्तक मेला , प्रगति मैदान, 2019 में भागीदारी हेतु ले जाया गया. इसका उद्देश्य किताबों, लेखकों और प्रकाशकों की दुनिया से रूबरू कराना था. इस अवसर पर छात्राओं ने लेखक - कवियों से मुलाकात की, प्रकशन की प्रक्रिया एवं महत्व से समझा. इस अवसर पर विभाग की ओर से डॉ. संगीता वर्मा (विभाग प्रभारी), डॉ. रजत रानी मीनू (वरिष्ठ प्राध्यापिका), डॉ. मनोज कुमार एवं डॉ. साधना अग्रवाल उपस्थित थे. पुस्तक मेला भ्रमण अपने उद्देश्य में सफल एवं उत्साहवर्धक रहा.
भारतेंदु स्मृति नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन
दिनांक 20 फरवरी, 2019 को चौपाल में विभाग द्वारा वार्षिक क्रियाकलाप ‘भारतेंदु स्मृति नाट्य प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विभाग की तीनों वर्ष की छात्राओं ने अपनी अपनी नाट्य –प्रस्तुतियां दी. अंतिम वर्ष की छात्राओं ने भारतेंदु कृत नाटक ‘अंधेर नगरी’ और स्वरचित ‘पुलवामा एक्ट’ का प्रदर्शन किया. द्वितीय वर्ष की छात्राओं की प्रस्तुति ‘असहाय किन्नर’ को सर्वश्रेष्ट नाटक का पुरस्कार दिया गया. यह किन्नर समाज की ग्रहणशीलता और मानवता के गुणों को उभारने का अच्छा प्रयास था. पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमले की घटना पर आधारित नाटक ‘पुलवामा एक्ट’ की पटकथा को सर्वश्रेष्ठ मौलिक पटकथा का पुरस्कार दिया गया. तीसरे वर्ष की छात्रा सोनिया को बेहतरीन अभिनय का पुरस्कार प्रदान किया गया. प्रथम वर्ष की छात्राओं की ओर से ‘भ्रष्टाचार’ नाटिका की सराहनीय प्रस्तुति की गयी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शक और विभाग के सदस्य उपस्थित थे. संस्कृत विभाग की डॉ. सुषमा ने नाटकों का अवमूल्यन किया. डॉ. अनुराधा गुप्ता इस कार्यक्रम की समन्वयक थी.
विशेष व्याख्यान का आयोजन
‘आधुनिकता : सिद्धांत और परिप्रेक्ष्य’ विषय पर 27 मार्च 2019 को ओल्ड सेमिनार रूम में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर हिंदी विभाग , दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. श्योराज सिंह ‘बेचैन’ और ‘आलोचना’ पत्रिका के संपादक डॉ. संजीव कुमार ने अपना वक्तव्य दिया. डॉ. संजीव कुमार ने आत्म-निर्णय, इतिहास बोध और व्यक्तिगत चयन के प्रश्न के साथ साथ तार्किकता की चर्चा की, वहीँ प्रो. बेचैन ने कैथरीन मायो के चर्चित पुस्तक ‘मदर इंडिया’ के हवाले से उपनिवेशकालीन भारत में विद्यमान जाति – भेदभाव और आधुनिकता की भेदभावपूर्ण स्थितियों पर प्रकाश डाला. छात्राओं की ओर से भागीदारी रेखांकित करने वाली बात थी. विषय प्रवर्तन डॉ. मनोज कुमार ने किया था. इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या डॉ. कल्पना भाकुनी की गरिमामयी उपस्थिति रही. धन्यवाद् ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता वर्मा ने किया.
‘आयाम’ का प्रकाशन
हिंदी विभाग का वार्षिक पत्र ‘आयाम’ का प्रकाशन डॉ. मनोज कुमार के मार्गदर्शन में किया गया. छात्रा संपादक तृतीय वर्ष की छात्रा निहारिका उपाध्याय ने उल्लेखनीय रूप में अपने दायित्व का निर्वहन किया. ‘आयाम’ के इस अंक में सम्पादकीय के साथ साथ रिपोर्ट, व्यक्तित्व, रविन्द्र संगीत. फिल्म समीक्षा, पुस्तक समीक्षा,. नाट्यानुभव इत्यादि का प्रकाशन किया गया.
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम
दिनांक 22 अप्रैल 2019 हिंदी साहित्य परिसद द्वारा तृतीय वर्ष की छात्राओं के लिए पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर छात्राओं को मंगल कामनाएं दी गईं और मेरिट के पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किये गये. इस अवसर पर विभाग प्रभारी डॉ. संगीता वर्मा ने विभाग के शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया.
प्रवेश प्रक्रिया 2019 -20
हिंदी विभाग ने सत्र 2019 – 20 के लिए प्रवेश प्रक्रिया को दिनांक 20. 06. 2019 से 11.07.2019 तक संपन्न किया. इस दौरान विभाग द्वारा कुल 65 छात्राओं को प्रवेश दिया गया.
तुलसी जयंती कार्यक्रम
हिंदी साहित्य परिषद् , हिंदी विभाग की ओर से 28 अगस्त 2019 को तुलसी जयंती कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज सभागार में किया गया. इस अवसर पर ‘मध्यकालीन साहित्य में स्त्री चिंतन’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. अनिल राय, हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, ने सारगर्भित व्याख्यान दिया. उन्होंने मध्यकालीन साहित्य में स्त्रियों की रचनाशीलता को संदर्भवान किया. उन्होंने ‘रामचरित मानस’ , ‘पदमावती’ से लेकर रीतिकालीन साहित्य की चर्चा की. इस विषय पर छात्राओं की तरफ से सार्थक संवाद किया गया.
इस अवसर पर ‘अहिल्या केवट शबरी’ नामक लघु नाटिका का प्रदर्शन भी अंतिम वर्ष की छात्राओं द्वारा किया गया. इसका लेखन एवं निर्देशन डॉ. मनोज कुमार ने किया. नाटिका सर्वथा मौलिक विषयवस्तु पर आधारित थी जिसमें रामायण के उपेक्षित पात्रों अहिल्या, केवट और शबरी के मध्य की मानवीय संबंधों को तलाशने की कोशिश थी. दर्शकों ने इस नई प्रस्तुति की सराहना की.
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्या के गरिमामयी मौजूदगी रही. विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता वर्मा ने सबके प्रति आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया.
राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
हिंदी विभाग द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से ‘इक्कीसवीं सदी का हिंदी कथा – साहित्य : चिंतन की विविध दिशाएं’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 05 -06 सितम्बर 2019 को किया गया. उद्घाटन सत्र में प्रख्यात साहित्यकार प्रो. गंगा प्रसाद विमल ने बीज वक्तव्य दिया.इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या डॉ. कल्पना भाकुनी की गरिमामय मौजूदगी रही. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की संयोजिका डॉ. सुषमा सहरावत ने स्वागत वक्तव्य दिया.
प्रथम सत्र में ‘इक्कीसवीं सदी के हिंदी साहित्य में स्त्री –विमर्श एवं बाल –साहित्य’ विषय पर प्रो. चन्दन कुमार ( प्रोफेसर, हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय) एवं डॉ. रामाज्ञा शशिधर( एसोसिएट प्रोफेसर, बी.एच. यू.) ने वक्तव्य प्रस्तुत किया. सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखिका श्रीमती चित्र मुद्गल ने की.
द्वितीय सत्र में ‘इक्कीसवीं सदी के हिंदी कथा साहित्य नें पर्यावरण एवं वैश्विक तापमान संबंधी चिंतन’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें कथाकार भगवान् दास मोरवाल और कथाकार एवं चिन्तक कबीर संजय ने अपनी बातें रखी. सत्र की अध्यक्षता लेखिका एवं चिन्तक डॉ. क्षमा शर्मा ने पर्यावरण एवं तापमान संबंधी बहस को निष्कर्ष तक पंहुचाया.
संगोष्ठी के दूसरे दिन, तृतीय सत्र में ‘इक्कीसवीं सदी के हिंदी कथा साहित्य में नई तकनीक एवं भाषा का बदलता स्वरुप’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्द आलोचक और लेखक प्रो. सुधीश पचौरी ने सत्र की अध्यक्षता की. दैनिक जागरण के एसोसिएट संपादक श्री अनंत विजय और कथाकार विवेक मिश्र मुख्य वक्ता थे.
चतुर्थ सत्र में ‘इक्कीसवीं सदी के हिंदी कथा साहित्य में दलित एवं आदिवासी विमर्श’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्योराज सिंह ‘बेचैन’ और प्रसिद्ध आदिवासी कथाकार श्री हरिराम मीणा इस सत्र के मुख्य वक्ता थे. सत्र की अध्यक्षता प्रसिद्ध दलित विमर्शकार जय प्रकाश कर्दम ने किया.
संगोष्ठी के समापन सत्र में ‘इक्कीसवीं सदी के हिंदी कथा साहित्य में किन्नर एवं दिव्यांग विमर्श’ विषय परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें श्री महेंद्र भीष्म सत्र के अध्यक्ष थे. मुख्या वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कुसुमलता मलिक और युवा कथाकार श्री सुभाष अखिल ने अपने विचार रखे.
सत्र के अंत में चयनित प्रपत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया. प्रमाण पत्र वितरण के बाद संयोजिका डॉ. सुषमा सहरावत के धन्यवाद ज्ञापन के साथ संगोष्ठी का गरिमापूर्ण समापन हुआ.
पूर्व –शिक्षिका मिलन कार्यक्रम का आयोजन
हिंदी विभाग की ओर से 19 नवम्बर 2019 को न्यू सेमिनार हाल में विभाग की अवकाश प्राप्त प्राध्यापिकाओं के साथ मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.इसमें विभाग से सम्बंधित 9 पूर्व प्राध्यापिकाओं ने हिस्सेदारी की. इसमें विभाग के वर्तमान और पूर्व प्राध्यापिकाओं के अनुभवों का आदान प्रदान किया गया. इस कार्यक्रम का संयोजन विभाग प्रभारी डॉ. संगीता वर्मा ने किया.