संस्कृत विभाग द्वारा ३० जनवरी २०१९ को आधुनिक संस्कृत जगत् के भीष्म पितामह एवं आधुनिक पाणिनि 'आचार्य रामकरण शर्मा का संस्कृत साहित्य को अवदान' विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में प्रोफेसर दीप्ति त्रिपाठी ने अत्यंत रोचक एवं शिक्षाप्रद व्याख्यान दिया। उन्होंने विस्तारपूर्वक आचार्य श्रीरामकरण शर्मा के व्यक्तित्व , कृतित्व एवं योगदान पर प्रकाश डाला।
१९अप्रैल २०१९ को संस्कृत परिषद् का समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया ।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आगत डा अजय कुमार झा ने 'संस्कृत का महत्व एवं आधुनिक युग में इसकी उपयोगिता ' विषय पर व्याख्यान दिया एवं छात्राओं की जिज्ञासा का शमन किया।
२६ जुलाई २०१९ को संस्कृत विभाग का ओरियंटेशन प्रोग्राम हुआ। ७ अगस्त २०१९ को संस्कृत परिषद् का गठन किया गया।
संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में १४ अगस्त को आयोजित विशिष्ट व्याख्यान में प्रोफेसर शिवशंकर मिश्र ने 'संस्कृत भाषा की यात्रा( वैदिक - लौकिक -आधुनिक ) एवं आधुनिक समय में संस्कृत में रोजगार के अवसर ' विषय पर रोचक जानकारी प्रदान किया।
तत्पश्चात् दसदिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला का आयोजन १९ अगस्त से २८ अगस्त २०१९ तक किया गया। संस्कृत भारती की शिप्रा द्वारा छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि(वक्ता) के रूप में प्रोफेसर के भारतभूषण( अध्यक्ष,शिक्षाशास्त्री विभाग,श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ,नयी दिल्ली ) ने जहां आगमन- निगमनविधि द्वारा शिक्षण एवं सूक्ष्म शिक्षण ( Micro Teaching) के बारे में बताया वहीं विशिष्ट अतिथि ( वक्ता) ने संस्कृत संभाषण हमारे लिए क्यों आवश्यक है-- इस विषय पर छात्राओं को संबोधित किया तथा सारस्वत अतिथि ( वक्ता) श्री कौशल तिवारी ने संस्कृत के उत्थान ( प्रचार-प्रसार हेतु) हमारा क्या कर्त्तव्य है-- इस विषय पर जागरुक करने का प्रयास किया।
श्री शंकर शिक्षायतन के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृत विभाग द्वारा 'अम्भोवाद -विमर्श '२१ सितंबर २०१९ को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर दीप्ति त्रिपाठी( मुख्य अतिथि), प्रोफेसर कमला भारद्वाज( विशिष्ट अतिथि), डॉ मीरा द्विवेदी ( सारस्वत अतिथि), डॉ कल्पना भाकुनी (अध्यक्ष) थीं। संगोष्ठी का बीज प्रवर्तन प्रोफेसर संतोष कुमार शुक्ल ने किया। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ मैत्रेयी कुमारी द्वारा किया गया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर देवेंद्र मिश्र, विशिष्ट अतिथि के रूप डॉ भारतेन्दु पांडेय एवं अध्यक्ष के रूप में प्रोफेसर अमिता शर्मा उपस्थित रहे।दो समानांतर पत्रवाचन सत्र ( कुल चार सत्रों में) २६ शोध- पत्र पढ़े गए। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन हेतु श्रीशंकर शिक्षायतन द्वारा शत प्रतिशत वित्तीय अनुदान ( सहयोग) प्रदान किया गया।
२५ सितंबर २०१९ को संस्कृत ज्ञान ( प्रश्नमंच) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।